श्री गजानन महाराज बावन्नी : Shri Gajanan Maharaj Bavanni

जय जय सद्गुरु गजानन ।
रक्षक तूची भक्तजना ।।१।।
निर्गुण तू परमात्मा तू ।
सगुण रुपात गजानन तू ।।२।।